पाठकों की सुविधा के लिए पत्रकार का नाम हम महर्षि रख लेते हैं। महर्षि ने दो दिन पहले ही फेसबुक पर घोषणा कर दी थी कि मोदी आ रहे हैं, बहुत दिनों बाद उनसे मिलना हो रहा है। (हालांकि मोदी की ओर से उन्हें टाइम नहीं दिया गया था, इसलिए डर भी लग रहा था कि मोदी उनका हाल आसाराम वाला न कर दें)
भाषण के बाद जब मोदी मंच से नीचे उतरे तो महर्षि साहब सीढ़ी की रेलिंग किसी तरह से थामे उड़ रहे थे। (उड़ इसलिए रहे थे क्योंकि मोदी के बाकी समर्थकों को भी मोदी का आर्शीवाद लेना था और वो उन्हें धकियाए जा रहे थे) बहरहाल, जैसे ही मोदी मंच से नीचे उतरे, महर्षि साहब धड़ाम से उनके पैरों में जा गिरे। हल्ला मच
मोदी के पैरों में गिरते हुए महर्षि: नमस्कार सर।
मोदी: अरे, उठिए उठिए, आप की जगह तो दिल में है। और नमस्कार वैसे भी खड़े होकर किया जाता है।
महर्षि: ही ही ही ही, अरे सर, क्या कहें, हम गंगा किनारे वाले हैं ना, तनिक नरभसा गए थे। वैसे सर, आपका भासण बहोत अच्छा रहा। आपका जो भाइयो बहनों और मेरे मित्रों कहने का इस्टाइल है, इसपर हम इस्पेसल कवरेज करने जा रहे हैं। ऐसे जोसीले तरीके से भासण की सुरुआत कोई नहीं करता। हमने तो ईएनटी इस्पेसलिस्ट को आपके दो दर्जन भासण सुनाकर पता लगाया है कि आपकी 40 फीसदी ऊर्जा मेरे भाइयो बहनों और मेरे मित्रों में निकलती है। इसीलिए, वहां से जोस आ जाता है।
मोदी: ह ह ह ह। नाम क्या बताया आपने अपना।
महर्षि: सर महर्षि सर।
मोदी: महर्षि या सर महर्षि सर। या फिर ये दोनों।
महर्षि: आपके लिए सिर्फ महर्षि। सर वैसे इंटरव्यू मैनें लेना है आपका।
मोदी: अरे वो तो हो जाएगा महर्षि जी। और बताइये, घर में सब कुशल मंगल। कहां कहां काम किया है आपने।
महर्षि: बस सर, सब आपकी कृपा है। हमने तो घाट घाट, घर घर का पानी पिया है। पढ़ाई यूपी में की तो काम किया एमपी और महाराष्ट्र में। ननिहाल ठहरा राजस्थान में तो सभी जगह की पॉलिटिक्स में हाथ तंग है। सॉरी सॉरी, पॉलिटिक्स में अपना हाथ है।
मोदी: हमारे साथ काम करेंगे महर्षि जी। (क्वेश्चन मार्क इसलिए नहीं है क्योंकि ये आदेश टाइप में दिया गया था।)
महर्षि: ही ही ही ही...सरजी। (हीहीहीही करने पर महर्षि जी का थोड़ा थूक भी मोदी के चप्पल पर गिर गया जिसे महर्षि ने लपककर अपना कुर्ता फाड़कर साफ किया।)
महर्षि: सर, दिन में तो नौकरी करनी होती है। हम रात में आपका सारा प्लान बनाकर दे देंगे। और आपको अपने यहां पूरा स्पेस भी देंगे सर। ऑल एडीशन। मैं सर लोगों से बात कर लूंगा। पता नहीं क्यूं कांग्रेस के पीछे लगे रहते हैं ये लोग।
मोदी: ठीक है, अपना बायोडाटा भेज देना। देखेंगे। नेक्स्ट.
महर्षि: अरे सर, इंटरव्यू...
मोदी: नेक्स्ट प्लीज..
महर्षि: सर, एक ऑटोग्राफ तो दे दीजिए।
मोदी: अरे भगाओ यार इसको। सारा ढोकला खा गया और चप्पल खराब कर दी।
कमरे से निकलते हुए महर्षि: ही ही ही ही, सर भी बड़े मजाकिया हैं। (संपादक को फोन करते हुए- सर बहोत अच्छा इंटरभ्यू रहा। मुझे तो उन्होंने अपनी पूरी प्लानिंग बता दी।)
(डिस्क्लेमर: पूरी वारदात, आई मीन मुलाकात का किसी जीवित या मृत पतकार से कोई लेना देना नहीं है। वैसे जो ले या दे रहे हों, वो दिल पर ले या दे सकते हैं।)
(भारत सिंह के ब्लाग बाजार से कॉपी पेस्ट)