मोदी की रैली पर मेरी रिपोर्ट को पुष्ट करते दो तथ्य आज सामने आये हैं, जो नीचे दे रहा हूं: अभिषेक श्रीवास्तव
पहला तथ्य
रैली में आयी लाखों जनता के विजुअल का सच
तहलका के पत्रकार अंकित अग्रवाल के सौजन्य से यह जानकारी मिली है कि नरेंद्र मोदी की रोहिणी में हुई रैली में मंच के सामने लगे दोनों क्रेन वाले कैमरे ideal communication नाम की एजेंसी के थे, जिसे भाजपा ने दस लाख रुपये में हायर किया था। यह जानकारी उन्हें मंच के सामने स्क्रीन ऑपरेट कर रहे एक एजेंसी के कर्मचारी और भाजपा के वॉलंटियर ने दी। इन्हीं दो क्रेन कैमरों से सारे चैनलों को आउटपुट जा रहा था और हमें लाखों की जनता के विजुअल देखने को मिल रहे थे। इसके अलावा मंच की स्क्रीन और उस पर लगे कैमरे को भी आइडियल कम्युनिकेशन एजेंसी का आदमी चला रहा था।
दूसरा तथ्य
इंडिया टुडे की खबर में छपी तस्वीर का सच
लोगों के भारी-भरकम हुजूम को दिखाती यह तस्वीर “इंडिया टुडे” की नरेंद्र मोदी की दिल्ली रैली की है (लिंक: www.indiatoday.intoday.in), जिसका कैप्शन हिंदी में है: “जापानी पार्क, रोहिणी… का विहंगम दृश्य, जहां नरेंद्र मोदी की विकास रैली का स्थल था”।
रैली स्थल जापानी पार्क के सिर पर सफेद रंग का पंडाल था। आखिर यह तस्वीर पंडाल को चीर कर कैसे निकल आयी? मैं सवा ग्यारह बजे तक वहां था, तो क्या उसके बाद पंडाल को फाड़ दिया गया यह तस्वीर उतारने के लिए? क्या कोई मुझे बताएगा कि सिर पर तने तंबू के बावजूद विहंगम तस्वीर कैसे उतारी जाती है? या फिर कोई यही दावा कर सके कि वहां पंडाल नहीं था।
यह तस्वीर, जिसे इंडिया टुडे कल हुई मोदी की रैली की बता रहा है, वह 4 नवंबर, 2012 को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के समर्थन में कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित की गयी रैली की है, लिंक देखें (www.thehindu.com)
तस्वीर पीटीआई की है, जिसे दि हिंदू ने अपनी खबर में क्रेडिट दिया है।
(मोहल्ला लाइव से)
पहला तथ्य
रैली में आयी लाखों जनता के विजुअल का सच
तहलका के पत्रकार अंकित अग्रवाल के सौजन्य से यह जानकारी मिली है कि नरेंद्र मोदी की रोहिणी में हुई रैली में मंच के सामने लगे दोनों क्रेन वाले कैमरे ideal communication नाम की एजेंसी के थे, जिसे भाजपा ने दस लाख रुपये में हायर किया था। यह जानकारी उन्हें मंच के सामने स्क्रीन ऑपरेट कर रहे एक एजेंसी के कर्मचारी और भाजपा के वॉलंटियर ने दी। इन्हीं दो क्रेन कैमरों से सारे चैनलों को आउटपुट जा रहा था और हमें लाखों की जनता के विजुअल देखने को मिल रहे थे। इसके अलावा मंच की स्क्रीन और उस पर लगे कैमरे को भी आइडियल कम्युनिकेशन एजेंसी का आदमी चला रहा था।
दूसरा तथ्य
इंडिया टुडे की खबर में छपी तस्वीर का सच
लोगों के भारी-भरकम हुजूम को दिखाती यह तस्वीर “इंडिया टुडे” की नरेंद्र मोदी की दिल्ली रैली की है (लिंक: www.indiatoday.intoday.in), जिसका कैप्शन हिंदी में है: “जापानी पार्क, रोहिणी… का विहंगम दृश्य, जहां नरेंद्र मोदी की विकास रैली का स्थल था”।
रैली स्थल जापानी पार्क के सिर पर सफेद रंग का पंडाल था। आखिर यह तस्वीर पंडाल को चीर कर कैसे निकल आयी? मैं सवा ग्यारह बजे तक वहां था, तो क्या उसके बाद पंडाल को फाड़ दिया गया यह तस्वीर उतारने के लिए? क्या कोई मुझे बताएगा कि सिर पर तने तंबू के बावजूद विहंगम तस्वीर कैसे उतारी जाती है? या फिर कोई यही दावा कर सके कि वहां पंडाल नहीं था।
यह तस्वीर, जिसे इंडिया टुडे कल हुई मोदी की रैली की बता रहा है, वह 4 नवंबर, 2012 को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के समर्थन में कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित की गयी रैली की है, लिंक देखें (www.thehindu.com)
तस्वीर पीटीआई की है, जिसे दि हिंदू ने अपनी खबर में क्रेडिट दिया है।
(मोहल्ला लाइव से)